सार
- कूर्ग के एक रिजॉर्ट ने शुरू की अनूठी पहल
- प्रति 10 ग्राम खाना थाली में छोड़ने पर 100 रुपये जुर्माना
- छह महीने पहले शुरू ही पहल से खाने की बर्बादी हुई कम
विस्तार
'उतना ही लें थाली में, जो बर्बाद न हो नाली में'।
अक्सर हम इन लाइनों को कहते, सुनते आए हैं। मगर इस पर कितना अमल करते हैं, यह कहना थोड़ा मुश्किल है। दुनिया में खाने की बर्बादी की समस्या दिन ब दिन विकराल होती जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक हर साल 1.3 अरब टन खाना बर्बाद हो जाता है। यह बर्बादी कचरे के पहाड़ का रूप ले रही है।
सिर्फ हमारे देश में ही नहीं पूरी दुनिया में खाना खेत से लेकर थाली तक हर कदम पर बर्बाद होता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ भारत में हर साल 50 करोड़ का अन्न बर्बाद हो जाता है। दुनिया का 25 फीसदी पानी ऐसे खाद्य उत्पादों को उगाने में जाता है, जो कभी थाली तक पहुंचता ही नहीं है।
यह हालत तब है जब धरती पर 82 करोड़ लोगों को भरपेट खाना नसीब नहीं होता है। वैश्विक भूख सूचकांक में भारत 102वें नंबर पर है। पड़ोसी देशों पाकिस्तान (94वें), बांग्लादेश (88वें), नेपाल (73वें) और श्रीलंका (66वें) से भी खराब स्थिति।
ऐसे में खाना बचाने के लिए उठाया गया एक छोटा सा कदम भी काफी सराहनीय है। कर्नाटक के कूर्ग की खूबसूरत पहाड़ियों में एक ऐसा ही रिसॉर्ट है, जिसने खाने की बर्बादी को रोकने के लिए एक अनूठा कदम उठाया है।
अक्सर हम इन लाइनों को कहते, सुनते आए हैं। मगर इस पर कितना अमल करते हैं, यह कहना थोड़ा मुश्किल है। दुनिया में खाने की बर्बादी की समस्या दिन ब दिन विकराल होती जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक हर साल 1.3 अरब टन खाना बर्बाद हो जाता है। यह बर्बादी कचरे के पहाड़ का रूप ले रही है।
सिर्फ हमारे देश में ही नहीं पूरी दुनिया में खाना खेत से लेकर थाली तक हर कदम पर बर्बाद होता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ भारत में हर साल 50 करोड़ का अन्न बर्बाद हो जाता है। दुनिया का 25 फीसदी पानी ऐसे खाद्य उत्पादों को उगाने में जाता है, जो कभी थाली तक पहुंचता ही नहीं है।
यह हालत तब है जब धरती पर 82 करोड़ लोगों को भरपेट खाना नसीब नहीं होता है। वैश्विक भूख सूचकांक में भारत 102वें नंबर पर है। पड़ोसी देशों पाकिस्तान (94वें), बांग्लादेश (88वें), नेपाल (73वें) और श्रीलंका (66वें) से भी खराब स्थिति।
ऐसे में खाना बचाने के लिए उठाया गया एक छोटा सा कदम भी काफी सराहनीय है। कर्नाटक के कूर्ग की खूबसूरत पहाड़ियों में एक ऐसा ही रिसॉर्ट है, जिसने खाने की बर्बादी को रोकने के लिए एक अनूठा कदम उठाया है।